Friday, June 24, 2011

मैंने बहुत दिनों बाद एक त्वरित कविता लिखी है , आशा है सबको पसंद आएगी ।

दिल से दिल तक लहरें उठती,
जज्बातों का बना समंदर !
मैंने प्यार किया था जिसको ,
वो दुनिया में सबसे सुन्दर !!

पर मेरी कमजोरी ऐसी ,
कैसे जीलूँ बिना सहारे !
इधर उधर की ठोकर खाकर ,
आऊंगा फिर तेरे ही द्वारे !!

मौत जो होगी तेरे दर पर ,
तब आएगा एक बबंडर !
मैंने प्यार किया था जिसको ,
वो दुनिया में सबसे सुन्दर !
सारे जग की सुन्दरियों की ,
सुन्दरता है उसके अन्दर !!

---श्रेया तिवारी , मुंबई