Friday, August 22, 2008

भजन......!!

मेरे दोस्तों , मैंने एक भजन लिखा है । और आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ , यदि आपको पसंद आता है तो मै आपका समर्थन चाहूँगा ।


मेरे प्रभु मेरे तू मेरा स्वामी ,
मै दास तू अन्तर्यामी ।


तेरे द्वारे मै तब आया ,
जब ठोकर पग पग खाया ।
मैंने दुःख में सुमिरा तुझको ,
नही सुख में dhyaan लगाया ।
मन में नही मूरत तेरी ,
माया में थी नीयत मेरी ।
मैंने लोभ किया बस धन का ,
नही ध्यान किया एक छन का ।


मै तो हूँ बस अज्ञानी ,
मै दास तू अन्तर्यामी ।


तेरे द्वारे जो भी आए ,
रोता हुआ भी हंस जाए।
जो अंतर्मन से सुमिरे,
तू दर्शन भी दिखलाये।
बालक हम तेरे विधाता,
क्या मांगू मै मेरे दाता।
तुझे नित-नित शीश झुकाऊ,
बिन मांगे सब कुछ पाऊ ।


सद्बुद्धि दो मेरे स्वामी ,
मै दास तू अन्तर्यामी ।

---श्रेय , Mumbai

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