मैं जिनकी याद मे रोता हूँ ...,
वो अब मुस्कुराते है .......!!
दिये जलते है , उनके घर ...,
अंधेरे हमको भाते है ......!!
१- सितारे आसमाँ मे देख कर ही रात काटी है ....,
मेरी तनहाइयों ने ही मुसीबत साथ बांटी है .........!
है पत्थर दिल सनम , वो मोम दिल बन जायेगे कैसे,
अरे ओह बेवफा, दिल को बता समझायेंगे कैसे ....!!
आँख झपकी जो एक पल भी , उन्ही के ख्वाब आते है .!
मैं जिनकी याद मे रोता हूँ , वो अब मुस्कुराते है ......!!!
२- उन्हें जिस राह पर मैं देखता हूँ , मुँह छिपाता हूँ ...,
तेरे सुख चैन को अपनी नज़र से मैं बचाता हूँ .....!!
सलामत तू रहे , घर वार तेरा सुखमयी होवे .....,
ऐ प्रभु मेरे न उसकी आँख मे आंसू कभी होवे ....!!
सितम कितने किए तुने , रहम हम फिर भी खाते है ...!
मैं जिनकी याद मे रोता हूँ , वो अब मुस्कुराते है ......!!!
दिये जलते है उनके घर, अंधेरे हमको भाते है ......!!
-------श्रेय तिवारी , मुम्बई
Friday, May 16, 2008
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