इस तरह भाषणों से न हमको हिला..,
तेरी करतूतें सारी हमे है पता ….....!
गंदगी खत्म करने को मै हूँ चला...,
और ज्यादा मेरी माँ को अब ना सता..!!
1- जशने आज़ादी का तू मनाता रहा ..,
उन शहीदों को माला चढाता रहा ..!!
जिंदा होते तो मालाएं ठुकराते वो ..,
आत्माए दुखी उनमें जलवा भरा …!!
इस तरह भाषणों से न हमको हिला॥,
तेरी करतूतें सारी हमे है पता ….....!
2- चाहे स्वाधीनता का दिवस तू मना ,
चाहे गणतंत्र दिवस या जयंती मना …!!
जब तलक आचरण ना सुधारोगे तो ..,
इन जलसों सभाओं ने क्या है किया ..!!
इस तरह भाषणों से न हमको हिला॥,
तेरी करतूतें सारी हमे है पता ….....!
3- ऐ मेरी माँ मै तेरा भगत सिंह बनूँ ...,
दे तू आशीष मै चन्द्रशेखर बनूँ …....!!
नष्ट कर दूंगा भ्रष्टों के व्यक्तित्व को …,
तू मुझे बोस जैसा बहादुर बना....!!
इस तरह भाषणों से न हमको हिला॥,
तेरी करतूतें सारी हमे है पता ….....!
4- मेरे भारत के नेताओ मान जाओ अब ,
अपने भ्रष्ट आचरण से तो बाज़ आओ अब..!!
मुझमे बारूद है तुम दिखाओ न लौ....,
कहीं मानव बमों जैसा फट जाऊं ना …!!
इस तरह भाषणों से न हमको हिला॥,
तेरी करतूतें सारी हमे है पता ….....!
गंदगी खत्म करने को मै हूँ चला...,
और ज्यादा मेरी माँ को अब ना सता॥!!
------------श्रेय तिवारी
(ब्रांच हेड ), कोम्पेयर इन्फोबेस लिमिटेड
२१८, महेंदर चेम्बर्स, ड्यूक्स फैक्ट्री के सामने ,
चेम्बूर , मुम्बई - ७१ , महाराष्ट्र
Sunday, May 18, 2008
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